एक जंगल में एक बहुत पुराना बरगद का पेड़ था। उस पेड़ पर घोंसला बनाकर एक कौआ-कव्वी का जोड़ा रहता था। उसी पेड़ के खोखले तने में कहीं से आकर एक दुष्ट सर्प रहने लगा। हर वर्ष मौसम आने पर ...
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दुष्ट सर्प और कौवे : पंचतंत्र की कहानी
एक जंगल में एक बहुत पुराना बरगद का पेड़ था। उस पेड़ पर घोंसला बनाकर एक कौआ-कव्वी का जोड़ा रहता था। उसी पेड़ के खोखले तने में कहीं से आकर एक दुष्ट सर्प रहने लगा। हर वर्ष मौसम आने पर ...
व्यापारी का पतन और उदय : पंचतंत्र की कहानी
वर्धमान नामक शहर में एक बहुत ही कुशल व्यापारी दंतिल रहता था। राजा को उसकी क्षमताओं के बारे में पता था जिसके चलते राजा ने उसे राज्य का प्रशासक बना दिया। अपने कुशल तरीकों से व्यापारी दंतिल ने राजा और ...
सियार और ढोल : पंचतंत्र की कहानी
एक बार एक जंगल के निकट दो राजाओं के बीच घोर युद्ध हुआ। एक जीता दूसरा हारा। सेनाएं अपने नगरों को लौट गईं। बस, सेना का एक ढोल पीछे रह गया। उस ढोल को बजा-बजाकर सेना के साथ गए भाट ...
बन्दर और लकड़ी का खूंटा : पंचतंत्र की कहानी
एक समय शहर से कुछ ही दूरी पर एक मंदिर का निर्माण किया जा रहा था। मंदिर में लकड़ी का काम बहुत था इसलिए लकड़ी चीरने वाले बहुत से मज़दूर काम पर लगे हुए थे। यहां-वहां लकड़ी के लठ्टे पडे ...
प्रारंभ की कथा-मित्रभेद : पंचतंत्र की कहानी
महिलारोप्य नाम के नगर में वर्धमान नाम का एक वणिक्-पुत्र रहता था । उसने धर्मयुक्त रीति से व्यापार में पर्याप्त धन पैदा किया था; किन्तु उतने से सन्तोष नहीं होता था; और भी अधिक धन कमाने की इच्छा थी । ...
अभागा बुनकर : पंचतंत्र की कहानी
Abhaga Bunkar : Panchtantra एक नगर में सोमिलक नाम का जुलाहा रहता था । विविध प्रकार के रंगीन और सुन्दर वस्त्र बनाने के बाद भी उसे भोजन-वस्त्र मात्र से अधिक धन कभी प्राप्त नहीं होता था । अन्य जुलाहे मोटा-सादा ...
व्यापारी के पुत्र की कहानी : पंचतंत्र की कहानी
Vyapari Ke Putra Ki Kahani : Panchtantra किसी नगर में सागर दत्त नाम का एक व्यापारी रहता था। उसके लड़के ने एक बार सौ रुपए में बिकने वाली एक पुस्तक खरीदी। उस पुस्तक में केवल एक श्लोक लिखा था – ...
ब्राह्मणी और तिल के बीज : पंचतंत्र की कहानी
ब्राह्मणी और तिल के बीज : पंचतंत्र की कहानी Brahmani Aur Til Ke Beej : Panchtantra एक बार की बात है एक निर्धन ब्राह्मण परिवार रहता था, एक समय उनके यहाँ कुछ अतिथि आये, घर में खाने पीने का सारा ...
गजराज और मूषकराज : पंचतंत्र की कहानी
Gajraj Aur Mooshakraj : Panchtantra प्राचीन काल में एक नदी के किनारे बसा नगर व्यापार का केन्द्र था। फिर आए उस नगर के बुरे दिन, जब एक वर्ष भारी वर्षा हुई। नदी ने अपना रास्ता बदल दिया।लोगों के लिए पीने ...